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Acharya Shivmuni Ji Maharaj

Join Date : 2019-04-09

संक्षिप्त परिचय

पूज्य आचार्य श्री शिवमुनि जी महाराज एक उच्चकोटि के ध्यान साधक एवं जैन समुदाय के एक अत्यंत पवित्र संत हैं। बचपन से ही आचार्य जी को धर्म कार्यों में गहरी रूचि थी। 14 वर्ष की छोटी सी आयु में ही इन्होने ब्रह्मचर्य अपनाने का और अपना सम्पूर्ण जीवन समाज कल्याण के लिए न्योछावर करने का निर्णय कर लिया था। 

आचार्य जी का जन्म 18 सितम्बर, 1942 को इनके ननिहाल रानियां मण्डी (हरियाणा) में हुआ था। इनका पैतृक स्थान मलौटमण्डी (पंजाब) में है। इनके पिता चिरंजीलाल जी एवं माता श्री विद्यादेवी जी हैं। 

आचार्य श्री शिवमुनि जी की दीक्षा 17 मई, 1972 को राष्ट्र संत, परम पूज्य श्री ज्ञान मुनि जी महाराज द्वारा हुई।
आचार्य जी संयम ग्रहण करने से पूर्व ही अंग्रेजी एवं दर्शन-शास्त्र में M.A. कर चुके थे। दीक्षा लेने के पश्चात् ‘भारतीय धर्मों में मुक्ति की अवधारणा, जैन धर्म का विशिष्ट संदर्भ’ इस विषय में Ph.D की उपाधि भी प्राप्त की।

आचार्य जी ने ध्यान पद्धति के साथ-साथ जनमानस को अध्यात्म एवं मंगल मैत्री से जोड़ने के लिए एक विश्व मानव मंगल मैत्री अभियान प्रारंभ किया जिसके अन्तर्गत आत्म-ध्यान साधना, सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन, बाल संस्कार, अहिंसा, शाकाहार प्रचार-प्रसार, व्यक्तित्व विकास एवं समन्वयात्मक दृष्टिकोण आदि तथा स्वाध्याय, धर्म एवं साधना के प्रशिक्षण कार्यक्रम आते हैं।