शिवजी की कल्पना एक ऐसे देव के रूप में की जाती है जो कभी संहारक हैं तो कभी पालक हैं। वही आदि हैं और वही अंत भी हैं। भस्म, नाग, मृग चर्म, रुद्राक्ष आदि भगवान शिव की वेष- भूषा व आभूषण हैं। शिव आदि योगी हैं, इनकी उपासना मूर्ति व शिवलिंग रूप में की जाती है।
शिव खुद एक तपस्वी हैं परन्तु अपने पास आने वाले हर भक्त को सम्पूर्ण संसार का वैभव देते हैं। हर सोमवार शिव के 108 नामों का जप करने से आपको भी मनोवांछित फल तथा संतोष मिलेगा। शिव के कई रूप हैं, इन रूपों के नाम भी अलग-अलग हैं। शिवजी के विभिन्न नामों में से मुख्य 108 नाम निम्न हैं:
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क्रम संख्या |
नाम |
नाम का मंत्र |
अर्थ |
1. |
शिव |
ॐ शिवाय नमः। |
सदा शुद्ध |
2. |
महेश्वर |
ॐ महेश्वराय नमः। |
माया के अधीश्वर |
3. |
शंभवे |
ॐ शंभवे नमः। |
समृद्धि के दाता |
4. |
पिनाकिने |
ॐ पिनाकिने नमः। |
जिसके हाथ में पिनाक धनुष है |
5. |
शशिशेखर |
ॐ शशिशेखराय नमः। |
चंद्रमा धारण करने वाले |
6. |
वामदेवाय |
ॐ वामदेवाय नमः। |
अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले |
7. |
विरूपाक्ष |
ॐ विरूपाक्षाय नमः। |
विचित्र अथवा तीन आंख वाले |
8. |
कपर्दी |
ॐ कपर्दिने नमः। |
जटा धारण करने वाले |
9. |
नीललोहित |
ॐ नीललोहिताय नमः। |
नीले और लाल रंग वाले |
10. |
शंकर |
ॐ शंकराय नमः। |
सबका कल्याण करने वाले |
11. |
शूलपाणी |
ॐ शूलपाणये नमः। |
हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले |
12. |
खटवांगी |
ॐ खट्वांगिने नमः। |
खटिया का एक पाया रखने वाले |
13. |
विष्णुवल्लभ |
ॐ विष्णुवल्लभाय नमः। |
भगवान विष्णु के अति प्रिय |
14. |
शिपिविष्ट |
ॐ शिपिविष्टाय नमः। |
सितुहा में प्रवेश करने वाले |
15. |
अंबिकानाथ |
ॐ अंबिकानाथाय नमः। |
देवी भगवती के पति |
16. |
श्रीकण्ठ |
ॐ श्रीकण्ठाय नमः। |
सुंदर कण्ठ वाले |
17. |
भक्तवत्सल |
ॐ भक्तवत्सलाय नमः। |
भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले |
18. |
भव |
ॐ भवाय नमः। |
संसार के रूप में प्रकट होने वाले |
19. |
शर्व |
ॐ शर्वाय नमः। |
कष्टों को नष्ट करने वाले |
20. |
त्रिलोकेश |
ॐ त्रिलोकेशाय नमः। |
तीनों लोकों के स्वामी |
21. |
शितिकण्ठ |
ॐ शितिकण्ठाय नमः। |
सफेद कण्ठ वाले |
22. |
शिवाप्रिय |
ॐ शिवा प्रियाय नमः। |
पार्वती के प्रिय |
23. |
उग्र |
ॐ उग्राय नमः। |
अत्यंत उग्र रूप वाले |
24. |
कपाली |
ॐ कपालिने नमः। |
कपाल धारण करने वाले |
25. |
कामारी |
ॐ कामारये नमः। |
कामदेव के शत्रु, अंधकार हर्ता |
26. |
अंधकारसुर सूदन |
ॐ अन्धकासुरसूदनाय नमः। |
अंधक दैत्य को मारने वाले |
27. |
गंगाधर |
ॐ गंगाधराय नमः। |
गंगा को जटाओं में धारण करने वाले |
28. |
ललाटाक्ष |
ॐ ललाटाक्षाय नमः। |
माथे पर आंख धारण किए हुए |
29. |
कालकाल |
ॐ कालकालाय नमः। |
कालों के भी काल |
30. |
कृपानिधि |
ॐ कृपानिधये नमः। |
करुणा की खान |
31. |
भीम |
ॐ भीमाय नमः। |
भयंकर या रुद्र रूप वाले |
32. |
परशुहस्त |
ॐ परशुहस्ताय नमः। |
हाथ में फरसा धारण करने वाले |
33. |
मृगपाणी |
ॐ मृगपाणये नमः। |
हाथ में हिरण धारण करने वाले |
34. |
जटाधर |
ॐ जटाधराय नमः। |
जटा रखने वाले |
35. |
कैलाशवासी |
ॐ कैलाशवासिने नमः। |
कैलाश पर निवास करने वाले |
36. |
कवची |
ॐ कवचिने नमः। |
कवच धारण करने वाले |
37. |
कठोर |
ॐ कठोराय नमः। |
अत्यंत मजबूत देह वाले |
38. |
त्रिपुरान्तक |
ॐ त्रिपुरान्तकाय नमः। |
त्रिपुरासुर का विनाश करने वाले |
39. |
वृषांक |
ॐ वृषांकाय नमः। |
बैल-चिह्न की ध्वजा वाले |
40. |
वृषभारूढ़ |
ॐ वृषभारूढाय नमः। |
बैल पर सवार होने वाले |
41. |
भस्मोद्धूलितविग्रह |
ॐ भस्मोद्धूलितविग्रहाय नमः। |
भस्म लगाने वाले |
42. |
सामप्रिय |
ॐ सामप्रियाय नमः। |
सामगान से प्रेम करने वाले |
43. |
स्वरमयी |
ॐ स्वरमयाय नमः। |
सातों स्वरों में निवास करने वाले |
44. |
त्रयीमूर्ति |
ॐ त्रयीमूर्तये नमः। |
वेद रूपी विग्रह करने वाले |
45. |
अनीश्वर |
ॐ अनीश्वराय नमः। |
जो स्वयं ही सबके स्वामी है |
46. |
सर्वज्ञ |
ॐ सर्वज्ञाय नमः। |
सब कुछ जानने वाले |
47. |
परमात्मा |
ॐ परमात्मने नमः। |
सब आत्माओं में सर्वोच्च |
48. |
सोमसूर्याग्निलोचन |
ॐ सोमसूर्याग्निलोचनाय नमः। |
चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले |
49. |
हवि |
ॐ हविषे नमः। |
आहुति रूपी द्रव्य वाले |
50. |
यज्ञमय |
ॐ यज्ञमयाय नमः। |
यज्ञ स्वरूप वाले |
51. |
सोम |
ॐ सोमाय नमः। |
उमा के सहित रूप वाले |
52. |
पंचवक्त्र |
ॐ पंचवक्त्राय नमः। |
पांच मुख वाले |
53. |
सदाशिव |
ॐ सदाशिवाय नमः। |
नित्य कल्याण रूप वाले |
54. |
विश्वेश्वर |
ॐ विश्वेश्वराय नमः। |
विश्व के ईश्वर |
55. |
वीरभद्र |
ॐ वीरभद्राय नमः। |
वीर तथा शांत स्वरूप वाले |
56. |
गणनाथ |
ॐ गणनाथाय नमः। |
गणों के स्वामी |
57. |
प्रजापति |
ॐ प्रजापतये नमः। |
प्रजा का पालन- पोषण करने वाले |
58. |
हिरण्यरेता |
ॐ हिरण्यरेतसे नमः। |
स्वर्ण तेज वाले |
59. |
दुर्धर्ष |
ॐ दुर्धर्षाय नमः। |
किसी से न हारने वाले |
60. |
गिरीश |
ॐ गिरीशाय नमः। |
पर्वतों के स्वामी |
61. |
गिरिश्वर |
ॐ गिरिशाय नमः। |
कैलाश पर्वत पर रहने वाले |
62. |
अनघ |
ॐ अनघाय नमः। |
पापरहित या पुण्य आत्मा |
63. |
भुजंगभूषण |
ॐ भुजंगभूषणाय नमः। |
सांपों व नागों के आभूषण धारण करने वाले |
64. |
भर्ग |
ॐ भर्गाय नमः। |
पापों का नाश करने वाले |
65. |
गिरिधन्वा |
ॐ गिरिधन्वने नमः। |
मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले |
66. |
गिरिप्रिय |
ॐ गिरिप्रियाय नमः। |
पर्वत को प्रेम करने वाले |
67. |
कृत्तिवासा |
ॐ कृत्तिवाससे नमः। |
गजचर्म पहनने वाले |
68. |
पुराराति |
ॐ पुरारातये नमः। |
पुरों का नाश करने वाले |
69. |
भगवान् |
ॐ भगवते नमः। |
सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न |
70. |
प्रमथाधिप |
ॐ प्रमथाधिपाय नमः। |
प्रथम गणों के अधिपति |
71. |
मृत्युंजय |
ॐ मृत्युंजयाय नमः। |
मृत्यु को जीतने वाले |
72. |
सूक्ष्मतनु |
ॐ सूक्ष्मतनवे नमः। |
सूक्ष्म शरीर वाले |
73. |
जगद्व्यापी |
ॐ जगद्व्यापिने नमः। |
जगत में व्याप्त होकर रहने वाले |
74. |
जगद्गुरू |
ॐ जगद्गुरुवे नमः। |
जगत के गुरु |
75. |
व्योमकेश |
ॐ व्योमकेशाय नमः। |
आकाश रूपी बाल वाले |
76. |
महासेनजनक |
ॐ महासेनजनकाय नमः। |
कार्तिकेय के पिता |
77. |
चारुविक्रम |
ॐ चारुविक्रमाय नमः। |
सुन्दर पराक्रम वाले |
78. |
रुद्र |
ॐ रुद्राय नमः। |
उग्र रूप वाले |
79. |
भूतपति |
ॐ भूतपतये नमः। |
भूतप्रेत व पंचभूतों के स्वामी |
80. |
स्थाणु |
ॐ स्थाणवे नमः। |
स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले |
81. |
अहिर्बुध्न्य |
ॐ अहिर्बुध्न्याय नमः। |
कुण्डलिनी- धारण करने वाले |
82. |
दिगम्बर |
ॐ दिगंबराय नमः। |
नग्न, आकाश रूपी वस्त्र वाले |
83. |
अष्टमूर्ति |
ॐ अष्टमूर्तये नमः। |
आठ रूप वाले |
84. |
अनेकात्मा |
ॐ अनेकात्मने नमः। |
अनेक आत्मा वाले |
85. |
सात्विक |
ॐ सात्विकाय नमः। |
सत्व गुण वाले |
86. |
शुद्धविग्रह |
ॐ शुद्धविग्रहाय नमः। |
दिव्यमूर्ति वाले |
87. |
शाश्वत |
ॐ शाश्वताय नमः। |
नित्य रहने वाले |
88. |
खण्डपरशु |
ॐ खण्डपरशवे नमः। |
टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले |
89. |
अज |
ॐ अजाय नमः। |
जन्म रहित |
90. |
पाशविमोचन |
ॐ पाशविमोचकाय नमः। |
बंधन से छुड़ाने वाले |
91. |
मृड |
ॐ मृडाय नमः। |
सुखस्वरूप वाले |
92. |
पशुपति |
ॐ पशुपतये नमः। |
पशुओं के स्वामी |
93. |
देव |
ॐ देवाय नमः। |
स्वयं प्रकाश रूप |
94. |
महादेव |
ॐ महादेवाय नमः। |
देवों के देव |
95. |
अव्यय |
ॐ अव्ययाय नमः। |
खर्च होने पर भी न घटने वाले |
96. |
हरि |
ॐ हरये नमः। |
विष्णु समरूपी |
97. |
भगनेत्रभिद् |
ॐ भगनेत्रभिदे नमः। |
भग देवता की आंख फोड़ने वाले |
98. |
अव्यक्त |
ॐ अव्यक्ताय नमः। |
इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले |
99. |
दक्षाध्वरहर |
ॐ दक्षाध्वरहराय नमः। |
दक्ष के यज्ञ का नाश करने वाले |
100. |
हर |
ॐ हराय नमः। |
पापों को हरने वाले |
101. |
पूषदन्तभित् |
ॐ पूषदन्तभिदे नमः। |
पूषा के दांत उखाड़ने वाले |
102. |
अव्यग्र |
ॐ अव्यग्राय नमः। |
व्यथित न होने वाले |
103. |
सहस्राक्ष |
ॐ सहस्राक्षाय नमः। |
अनंत आँख वाले |
104. |
सहस्रपाद |
ॐ सहस्रपदे नमः। |
अनंत पैर वाले |
105. |
अपवर्गप्रद |
ॐ अपवर्गप्रदाय नमः। |
मोक्ष देने वाले |
106. |
अनन्त |
ॐ अनन्ताय नमः। |
देशकाल वस्तु रूपी परिच्छेद से रहित |
107. |
तारक |
ॐ तारकाय नमः। |
तारने वाले |
108. |
परमेश्वर |
ॐ परमेश्वराय नमः। |
प्रथम ईश्वर |
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