Article

अगर आप भी रोज़ गायत्री मंत्र का जप करते हैं तो भुगतना पड़ सकता है भारी नुकसान, जानें सही तरीका

गायत्री मंत्र एक ऐसा मंत्र है जिसका जाप करने से बहुत सी समस्याएं दूर हो जाती हैं, धार्मिक शास्त्रों में मंत्रों को बहुत ही चमत्कारी और प्रभावशाली माना गया है, सभी मंत्रों में से सर्वश्रेष्ठ प्रभावशाली मंत्र अगर कोई है तो वो है गायत्री मंत्र, इसका जाप करने से बहुत जल्द शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

गायत्री मंत्र जप का समयः-

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र ही सभी मंत्रों में सर्वश्रेष्ठ मंत्र है, गायत्री मंत्र के जाप के लिये तीन समय सबसे शुभ माने गए हैं, इसके जाप का पहला शुभ समय है प्रातःकाल, सूर्योदय से कुछ देर पहले मंत्र का जप शुरू कर देना चाहिए, मंत्र जप का दूसरा शुभ समय है दोपहर का, दोपहर के समय में भी इस मंत्र का जाप करना शुभ होता है, तीसरा शुभ समय है शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले का समय इस समय जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करते रहना चाहिए, इन तीनों समय के अलावा अगर गायत्री मंत्र का जप करना हो तो मौन रहकर या मानसिक रूप से करना चाहिए, मंत्र का जाप तेज़ आवाज़ में नहीं करना चाहिए।

भक्ति दर्शन एंड्रॉयड मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें

भक्ति दर्शन के नए अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर फॉलो करें

गायत्री मंत्र

 ऊँ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।

गायत्री मंत्र का अर्थः-

सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परमात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।

गायत्री मंत्र जप की विधिः-

गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए सबसे उत्तम रूद्राक्ष की माला को माना गया है, जाप करने से पूर्व स्नान आदि कर्मों से खुद को पवित्र करना ज़रूरी है, मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए, घर के मंदिर में या किसी पवित्र स्थान पर गायत्री माता का ध्यान करते हुए मंत्र का जप करना चाहिए।

गायत्री मंत्र जप के फायदेः-

उत्साह एंव सकारात्मकता बढ़ती है।
त्वचा में चमक आती है।
बुराइयों से मन दूर होता है।
धर्म और सेवा कार्यों में मन लगता है।
पूर्वाभास होने लगता है।
आशिर्वाद देने की शक्ति बढ़ती है।
स्वप्न सिद्धि प्राप्त होती है।
क्रोध शांत होता है।

संबंधित लेख :​​​​