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16 सोमवार की 16 विशेष बातें !

सोलह सोमवार का व्रत श्रावण के सबसे लोकप्रिय व्रतों में से है, इस व्रत को यदि अविवाहित कन्याएँ रखें तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है, इस व्रत को किसी भी वर्ग या किसी भी आयु के व्यक्ति कर सकते हैं परन्तु इसमें कड़े नियम होते हैं इसलिये जिनमें क्षमता हो वही इस व्रत को रख सकते हैं, विवाहित इसे रखते समय ब्रह्मचर्य नियमों का ध्यान रखें, इस व्रत के विशेष नियम हैं, आइये पढ़ें 16 सोमवार की 16 बातें-

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1. प्रातः काल उठकर सूर्योदय से पहले पानी में कुछ काले तिल डालकर नहाना चाहिये।

2. सूर्य देवता को इस दिन हल्दी मिश्रित जल अवश्य चढ़ाएं।

3. इसके बाद भगवान शिव की उपासना करनी चाहिये, पहले तांबे के किसी पात्र में शिवलिंग को रखें।

4. महादेव का अभिषेक करने के लिये स्वच्छ जल या गंगाजल का ही प्रयोग करें, जो महादेव से अपनी विशेष मनोकामनाएं रखते हैं वह दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल आदि कई सामग्रियों से अभिषेक की विधि पूर्ण कर सकते हैं।

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5. भगवान शिव और देवी पार्वती के पूजन के लिये ’ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और श्वेत फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, फल और गंगाजल या स्वच्छ पानी से भगवान का अभिषेक करें।

6. महादेव का अभिषेक करते समय आवश्यक है कि मंत्रों का भी जाप करते रहें, यह मंत्र महामृत्युंजय मंत्र, पंचाक्षरी मंत्र या अन्य मंत्र जो भी कंठस्थ हो जपने चाहिये।

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7. भगवान शिव और पार्वती की पूजा के बाद सोमवार व्रत कथा अवश्य सुनें।

8. आरती समाप्त करने के बाद भगवान को भोग लगाएं और घर परिवार में बांटकर खुद भी ग्रहण करें।

9. प्रसाद नमक रहित होना चाहिये।

10. दिन के समय में शयन न करें।

11. हर सोमवार के दिन पूजन का समय निश्चित रखें।

12. हर सोमवार को एक ही समय एक ही प्रसाद ग्रहण करें।

13. प्रसाद के रूप में गंगाजल, तुलसी, लौंग, चूरमा, खीर और लड्डू में से अपनी क्षमतानुसार किसी एक चीज़ का चयन करें।

14. 16 सोमवार तक जो भी खाद्य सामग्री ग्रहण करें उसे एक ही स्थान पर बैठकर ग्रहण करें घूमते फिरते नहीं।

15. हर सोमवार को किसी एक विवाहित जोड़े को उपहार भेंट करें।

16. 16 सोमवार तक पूजन के जो भी नियम व समय निर्धारित करें उसे खंडित न होने दें।

 

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