अल्प समय मे ही श्रीमद्भागवत उपनिषद कर्मकांड श्रीमद्भागवत गीता एवं श्रीरामचरित मानस, नारद भक्ति सूत्र का अध्ययन भी किया।और समापन सत्र में प्रथम श्रेणी प्राप्त की। वर्ष 2011 से श्रीमद्भागवत कथा एवं श्री राम कथा का अमृतमय वाचन करना प्रारंभ किया अब तक आपने लगभग 90 कथाएं की है।
साध्वी समाहिता जी का जन्म 5 जुलाई 1990 को एक कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार में हुआ, इनके पिता श्री का नाम श्री अशोक कुमार त्रिवेदी है,एवं माता जी का नाम श्रीमती शकुंतला देवी है। बचपन से ही ये बहुमुखी प्रतिभा की धनी रही है पढ़ाई में हमेशा से ही सर्वाधिक अंक प्राप्त करती रही हैं, इन्होंने भूगोल। शास्त्र में परास्नातक तक शिक्षा प्राप्त की है।
बाल्यकाल से ही इन्हें संगीत सुनने एवं कविताएं लिखने में विशेष रुचि थी,इनके माता पिता इन्हें अनुपम कहकर पुकारते थे। शुरू से ही इनका लक्ष्य कलेक्टर बनने का था,और आईपीएस की परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। उसी दौरान इन्हें श्रीधाम वृन्दावन आने का अवसर प्राप्त हुआ, और तभी से इनके जीवन की दिशा ही बदल गई।