ले चलो गणेश जी की पालकी सजा के
ढोल ताशे नगाड़े भजा के, ले चलो गणेश जी की पालकी सजा के, अपने पलकों में इनको बिठा के, ले चलो गणेश जी की पालकी सजा के,
धूम मचने दो सब दिशाओ में, घोल दो रंग इन हवाओ में, अपने गणपत का रुतबा उचा है सारे के सारे दवाओं में, देख कर आज गोरी लाल का प्यारा मुखड़ा दूर होंगे कलेश दिल का मिटे गा दुखड़ा, बांटो मोदक में पड़े मिला के, ले चलो गणेश जी की पालकी सजा के...
आज देवा की दया बरसे गी खली झोली न कोई तरसे गी, रिद्धि तकदीर को सम्बाले सीधी खुशियों के हम को वर देंगे, ऐसे जय घोश करो आस्मां हिल जाए हम को आशीष आज गणपति का मिल जाये, भक्त बोले तुम्हे पास पाके, ले चलो गणेश जी की पालकी सजा के