श्री सुंधाशु जी महाराज का जन्म 2 मई 1955 को सहारनपुर जिला उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री हरीशचन्द्र और माता का नाम श्रीमती कपूरी देवी था। सुधांशु जी ने बाल अवस्था में ही अपने पूर्वजन्मों के संस्कारों को आलोकित करना प्रारंभ कर दिया था। केवल सात वर्ष की आयु में ही इन्हें मंत्र और श्लोकों का अच्छा ज्ञान हो गया था। इनसे मुग्ध होकर इनके प्रधानाचार्य श्री चेतराम जी ने इन्हें ऋषि मुनि की पदवी दी थी क्योंकि वह जानते थे कि यह एक दिन युगद्रष्टा बनकर जग को ज्ञान, तप की त्रिवेणी में सीचेंगे।
वेद, उपनिषद, संस्कृत व्याकरण और ज्योतिष के ज्ञाता सुधांशु जी महाराज ने वर्ष 1991 में 'विश्व जागृति मिशन' की स्थापना की थी, देश-विदेश में इसकी 80 शाखाएं है। उन्होंने मानव जाति के उत्थान की दिशा में काम करने के लिए आध्यात्मिकता की राह पर चलने का फैसला किया।
इस मिशन के द्वारा सुधांशु जी महराज भारत ही नहीं विदेशो में भी अध्यात्म और जन कल्याण का संदेश प्रचारित कर रहे है | इनका मिशन निर्धनों और कमजोर व्यक्तियों की सहायता करता है | दिल्ली में स्थित इनके आनंद धाम आश्रम अस्पताल मौजूद हैं | जहाँ गरीब व्यक्तियों को मुक्त चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायी जाती है | अन्य आश्रमों में बुजुर्गो एंव गरीबो के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था की गई है | समय समय पर विश्व जाग्रति मिशन के द्वारा सुधांशु जी महाराज देश - दुनिया में पीड़ित लोगो की सेवाओं में भी योगदान देते है |