अल्प समय मे ही श्रीमद्भागवत उपनिषद कर्मकांड श्रीमद्भागवत गीता एवं श्रीरामचरित मानस भक्ति सूत्र का अध्ययन भी किया। कई वर्षो से वह अनेकों सेवा कार्यों को सफलता पूर्वक कार्यान्वित कर रही है।
बाल्यकाल से ही इन्हें संगीत सुनने एवं कविताएं लिखने में विशेष रुचि थी। शुरू से ही इनका लक्ष्य अध्यात्म और योग से जुड़ने का था, और इसी फल स्वरूप यही हुआ। उसी दौरान इन्हें श्रीधाम वृन्दाबन आने का अवसर प्राप्त हुआ, और तभी से इनके जीवन की दिशा ही बदल गई।
कथा के माध्यम से आजतक जरूरतमंद एवं गरीब युवतियों के निशुल्क विवाह, रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण, निशुल्क रोग चिकित्सा शिविर, गोरक्षा हेतु प्रोत्साहन और भूकम्प पीड़ितों के राहत एवं पुनर्वसन हेतु सहायता निधि ऐसे कई सेवाकार्यों का आयोजन किया गया | २०१२ से आपने आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से आनंद अनुभूती कार्यक्रम द्वारा योग, प्राणायाम, ध्यान और सुदर्शन क्रिया सिखाना प्रारम्भ किया |