अष्टम नवदुर्गा: माता महागौरी
माता महागौरीका उपासना मंत्र
श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दघान्महादेवप्रमोददा॥
माता का स्वरूप
देवीमहागौरी के वस्त्र एवं आभूषण श्वेत है, इनकी चार भुजाए, वाहन वृषभ है | दाहिना हाथ अभय मुद्रा ओर दूसरे हाथ मे त्रिशूल है | बाए हाथ मे डमरू ओर नीचे का बाया हाथ वर मुद्रा मे है | ये सुवसानी, शांतमूर्ति ओर शांतमुद्रा है |
आराधना महत्व
माता महागौरी की कृपा से आलोकिक सिद्धियो की प्राप्ति होती है | माता भक्तो का दुख दूर करती है | इनकी उपासना से आर्तजनो के असंभव कार्य भी संभव हो जाते है | अतः इनके चरणों की शरण पाने के लिए हमे सर्वविध प्रयत्न करना चाहिए | देवी की आराधना , अमोघ ओर शुभ फल दयिनि है | भक्तो के पूर्व संचित पाप का विनाश होता है |