नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा नटवर नागर नंदा... तूं ही नटवर तूं ही नागर, तूं ही बाल मुकन्दा भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा... सब देवन में कृष्ण बड़े हैं, ज्यों तारा विच चंदा भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा... सब सखियन में राधाजी बड़ी हैं, ज्यों नदियां वींच गंगा भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा... ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे, नरसिंह रूप धरंता भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा... कालीदह में नाग ज्यों नाथों,फण-फण निरत करंता भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा... वृन्दावन में रास रचायो, नाचत बाल मुकन्दा भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा... मीरा के प्रभु गिरधर नागर, काटो जम का फंदा