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जानिए दही हांड़ी उत्सव मनाने के पीछे क्या कारण है !

दही हाण्डी :-

12 अगस्त 2020 (बुधवार)

तिथि 08 भाद्रपद, कृष्ण पक्ष, अष्टमी, विक्रम सम्वत !

 

पौराणिक मान्यता :-

बचपन में श्री कृष्ण जी बहुत ही नटखट और शैतान थे ! वो अपने दोस्तों के साथ मिलकर आस पड़ोस के घर में घुसकर माखन और दही चुरा कर खा जाते थे ! कृष्ण जी के इस रूप के कारण उनका नाम माखन चोर पड़ा था !

 

दही हांड़ी उत्सव कैसे मनाया जाती है :-

दही हांड़ी कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन मनाए जाने वाला उत्सव है ! इस दिन को पूरे देश में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है ! मुंबई और गुजरात मैं ये उत्सव के लिए कई सरे मटकी फोड़ कार्यक्रम आयोजित किये जाते है ! एक मिट्टी की मटकी में दूध, दही, माखन, मखाने डालते है और उसे 20 से 30 फुट की ऊचाई पर एक रस्सी से बांधकर लटका देते है ! फिर कई सरे ग्रुप (जिसे हम गोविंदा की टोली भी कह सकते है) जो अलग - अलग जगह से आकर एक जगह एकत्रित होते है और हर ग्रुप को मटकी तोड़ने के लिए तीन अवसर प्रदान होते है ! जो सबसे ऊपर मटकी तोड़ने वाला व्यक्ति होता है उसे गोविंदा कहा जाता है क्योंकी कृष्ण जी ही मटकी तोड़ते थे ! हर तरफ गोविंदा अला रे अला का शोर होता है ! हज़ारो की संख्या में लोग एकत्रित होते है और जगह - जगह जोर - जोर से लाउड स्पीकर्स पर गाने बजते है ! कई सरे लोग मटकी तोड़ने वालो का जोश बढ़ते है ! जो ग्रुप (टोली) सबसे पहले मटकी तोड़ता है उसे इनाम भी दिया जाता है !

 

दही हांडी उत्सव क्यों मनाते है :-

जैसे की सब जानते है ! की श्री कृष्ण जी बचपन से ही बहुत नटखट थे ! उन्हें माखन खाना बहुत पसंद था ! माँ यशोदा कृष्ण जी के माखन चुराने की आदत से बहुत परेशान हो गई थी ! रोज कोई न कोई उनके पास बाल कृष्ण जी की शिकायत लेकर आ जाता था ! कई बार माँ यशोदा गुस्से में बाल कृष्ण जी को रस्सी से बांध देती थी पर कृष्ण जी कहा मानने वाले थे उन्हें तो बस माखन चाहिए था ! गांव की महिलाएँ बाल कृष्ण जी से बहुत परेशान हो गई थी और अपने माखन को बचाने के लिए उन्होंने एक मिटटी की मटकी में माखन डालकर उसे किसी ऊंची जगह पर लटका देती थी जहा तक कृष्ण जी पहुंच ना सके पर कृष्ण जी के आगे उनकी ये कोशिश भी नाकाम रही ! कृष्ण जी अपने साथियो के साथ मिलकर एक के ऊपर एक चड़कर एक मानव पिरामिड बनाते थे और मटकी को तोड़कर सारा माखन चुरा लेते थे ! वही से दही हांड़ी की शुरुवात हुई !

दही हांड़ी उत्सव सबसे ज्यादा कहा मनाया जाता है :-

गुजरात और मुंबई में सबसे ज्यादा दही हांड़ी उत्सव मनाया जाता है ! वैसे तो पुरे भारत देश में ये उत्सव मनाया जाता है पर गुजरात और मुंबई में सबसे ज्यादा लोग दही हांड़ी उत्सव का आयोजन करते है ! इस दिन गुजरात और मुंबई में बहुत रौनक लगी होती है लोग इस उत्सव का पुरे साल इंतज़ार करते है और जब ये उत्सव आता है तो लोग अपना काम छोड़कर इस उत्सव को देखने के लिए एकत्रित हो जाते है !