गणेश विसर्जन मुंबई और महाराष्ट्र में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है ! इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते है और गणेश विसर्जन की तैयारी करते है ! इस दिन मुंबई और महाराष्ट्र में सड़को पर चलने तक की जगह नहीं होती हर जगह बड़े - बड़े पंडाल लगे होते है ! लोग सड़कों पर बड़ी - बड़ी गणेश जी की मूर्तियों को ढोल नगाड़ों के साथ लेकर जाते है ! हर जगह रौनक होती है सब मिलकर रंग उड़ाते और नाचते है ऐसा लगता है भगवान खुद ज़मीन पर आ गए है ! सारे लोग समुद्र की तरफ जाते है ! गणेश जी की विशाल मूर्तियों को विसर्जन करने ! आज कल गणेश विसर्जन हर जगह होने लगा है कोई गणेश जी को एक दिन के लिए रखता है कोई तीन दिन के लिए रखता है तो कोई दस दिन के लिए रखता है ! आइए जानते है क्या है गणेश विसर्जन के पीछे की कथा !
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार श्री वेद व्यास जी भाद्रपद मास की शुकल चतुर्थी के दिन गणपति जी को महाभारत सुनानी शुरू की लगतार दस दिन तक उन्होंने गणपति जी को महाभारत सुनाई और गणेश जी आँखे बंद करके पुरे ध्यान पूर्वक पूरी महाभारत सुनते रहे और लिखते रहे ! इसके ठीक दस दिन बाद जब वेद व्यास जी की महाभारत समाप्त हुई तब वेद व्यास जी ने देखा कि गणपति जी के शरीर का तापमान बेहद बड़ा हुआ है ! गणपति जी के तापमान को कम करने के लिए वेद व्यास जी ने फ़ौरन वाहा बने तालाब में गणपति जी को डुबकी लगवाई तभी से मान्यता है की भाद्रपद, शुक्ल पक्ष, चतुर्दशी के दिन हम गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन करते है ! तभी से उस दिन को गणेश विसर्जन मनाया जाता है !
मान्यता यह भी है कि गणेश जी का तापमान ना बढ़े इसके लिए वेद व्यास जी ने सुगन्धित सौंदी मिटटी का लेप भी किया था ! लेप सूखने के बाद गणेश जी का शरीर अकड़ गया था तभी वेद व्यास जी भगवान गणेश को पास के तालाब में ले जाकर डुबकी लगवाई ! इस बिच वेद व्यास जी ने गणेश जी को उनके मनपसंद आहार भी अर्पित किये ! तभी से गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित और विसर्जित किया जाता है और उन्हें अर्पित किये आहार को बाद में प्रसाद के रूप में भक्तों को बाट दिया जाता है !
गणेश विसर्जन से पहले हमें गणेश जी की आरती करनी चाहिए ! विसर्जन से पहले आप एक चौकी ले और चौकी को गंगा जल से पवित्र करे और उसके बाद चौकी पर एक स्वस्तिक चिन्ह बनाएँ यह चिन्ह हिन्दू धर्म में बहुत ही शुभ माना जाता है और उसके बाद आप उसपर कुछ अक्षत रखे और उसके बाद आप गुलाबी या पीले रंग का कपडा इस चौकी पर बिछादे कपडा बिछाने के बाद चौकी के चारो कोनो में सुपारी रखे और बिच में कुछ फूल की पत्तियां रख दे ताकि गणेश जी फूल की पत्तियों पर विराजमान हो सके इसके बाद आप गणपति जी को जहा अपने विराजमान किया था ! वह पर जाए और उनकी प्रतिमा को अपने हाथों से उठाये और जय गणपति बापा मोरया के जय कारे लगाए और उन्हें इस चौकी पर विराजमान करे विराजमान करने के बाद उन्हें किसी साफ़ तालाब या साफ़ सरोवर में विसर्जन करे ! विसर्जन करने से पहले गणेश जी की आरती उतारे और उन्हें अगले वर्ष जल्द आने के लिए कहे और जो भी आप से भूल चूक हुई है उसके लिए उनसे क्षमा मांगले ! आप गणेश जी की प्रतिमा को अपने घर में भी शुद्ध गंगा जल में डुबकी लगवा सकते है और उसके बाद उन्हें वापिस अपने घर में रख सकते है जहां आपका मंदिर हो और जिस गंगा जल में अपने उन्हें डुबकी लगवाई थी उस जल को किसी भी पेड़ या गमले में डाल दे ! याद रहे कि उसे जल को सिर्फ पेड़ पौधो में ही डालना है !