सावन के पावन माह में भोलेनाथ को ये 5 पूजन सामग्री अवश्य चढ़ानी चाहिए। ये सामग्री चढाने से शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं, तो क्या हैं ये 5 विशेष सामग्री जानिए विस्तार से-
(1) बिल्व पत्र - शिव के पूजन में अभिषेक व बिल्व पत्र का महत्व सर्वाधिक है। ऋषियों के अनुसार भोलेनाथ को बिल्वपत्र अर्पण करना कन्यादान करने के समान ही पुण्यदायी है। बिल्वपत्र की तीन पत्तीयों से युक्त बिल्वपत्र ही भगवान शंकर को अर्पण करना चाहिए, ये तीन पत्तियां छिद्रयुक्त नहीं होनी चाहिए। ये शिव के त्रिनेत्र का ही प्रतिरूप है, इसे चढ़ाते हुए दिया गया मन्त्र दोहराएं-
'त्रिदलं त्रिगुणाकरं त्रिनेत्र व त्रिधायुतम्।
त्रिजन्म पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्।।
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(2) भांग - जब भोलेबाबा ने विश्व कल्याण के लिए विष पी लिया था, तब उसके दुष्प्रभावों का इलाज करने के लिए देवताओं ने कई औषधियों का प्रयोग किया था। उनमे से एक भांग है, इसलिए शिव को भांग प्रिय है। भांग के पत्ते को सीधा शिवलिंग पर चढ़ाएं या आप भांग पीसकर दूध अथवा जल में मिलाकर भी शिव को अर्पित कर सकते हैं।
(3) धतूरा - धतूरा भी एक औषधि की तरह प्रयोग होता है, जिससे शिव से विष के दुष्प्रभाव को दूर किया गया था। इसलिए शिवजी धतूरे से भी प्रसन्न होते हैं। धतूरे का फल और फूल दोनों ही शिव को चढ़ते हैं, इससे शत्रुओं का नाश होता है।
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(4) गंगाजल - गंगा नदी विष्णु के चरणों से निकलकर शिवजी की जटा में समाती है, और फिर वहां से धरती पर उतरती है। पृथ्वी में गंगा सबसे पावन नदी है, इसलिए गंगाजल से शिव का अभिषेक करने से शिव प्रसन्न होते हैं। यही गंगाजल लेने कांवरिये दूर दूर शहरों से हरिद्वार तथा गंगोत्री तक जाते हैं।
(5) चन्दन - भोलेनाथ को चन्दन का त्रिपुण्ड लगाया जाता है, चंदन स्वाभाव में शीतलता लाता है तथा भोलेनाथ को प्रसन्न करता है। भोले बाबा को चंदन चढ़ाने से मनुष्य को भी जीवन में मानसिक शांति और सकारात्मकता का अनुभव प्राप्त होता है।
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