श्री विनोद अग्रवाल जी सुरों के बादशाह हैं, वह विश्व प्रसिद्द भारतीय भजन गायक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं। इनके भजन भक्तों को भगवान से सीधा जुड़ा हुआ महसूस हैं। उनके भजन गायन का अंदाज़ सबसे निराला है, बिना किसी रुकावट के एक राग से दूसरे में जुड़ना हर किसि के बस की बात नहीं। उनके समक्ष एक अनोखी दिव्यता का अनुभव होता है जो भक्त को भजन में रमा देता है।
श्री विनोद अग्रवाल जी | |
जन्म |
6 जून, 1955 दिल्ली, भारत |
जीवन चरित्र
श्री विनोद अग्रवाल जी का जन्म 6 जून 1955 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता स्वर्गीय श्री किशननंद अग्रवाल जी और मां स्वर्गीय श्रीमती रत्नदेवी अग्रवाल जी को भगवान कृष्ण और राधा पर अटूट विश्वास था। 1962 में 7 साल की उम्र में माता-पिता और भाई-बहनों के साथ वह दिल्ली से मुंबई चले गए। केवल 12 वर्ष की आयु में उन्होंने भजन गायन आरम्भ किया और हार्मोनियम बजाना सीख लिया। 11 दिसंबर, 1975 में 20 वर्ष की आयु में श्री विनोद अग्रवाल जी का विवाह श्रीमती कुसूम लता जी से हो गया। उनके दो बच्चे भी है, बेटा जतिन और बेटी शिखा जिनकी अब शादी हो चुकी है।
श्री विनोद अग्रवाल जी के परिवार में सभी कृष्णा के अनुयायी थे, इसलिए बचपन से ही उन्हें भक्तिमय वातावरण मिला। उनके माता पिता ने भजन गाने के लिए प्रोत्साहित किया था। संतों और गुरुओं के सत्संग में उन्होंने अपनी इस कला को और निखारा।
संकीर्तन कार्यक्रम
सन 1978 से वह अपने बड़े भाई के कार्यालय में हर रविवार की सुबह हरि नाम संस्कार आयोजित कर रहे है। 1979 में उन्होंने भटिंडा, पंजाब के गुरु स्वर्गीय श्री मुकुंद हरि जी महाराज से दीक्षा ली। उनके गुरु की इच्छा थी, कि विनोद अग्रवाल जी सारी दुनिया में हरि नाम का प्रचार करे। अपने गुरु की इसी इच्छा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर विनोद जी ने देश के अनेक राज्यों के विभिन्न शहरों में अनगिनत प्रस्तुतियां दी हैं। वह 1993 से बिना किसी शुल्क के लाइव कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं। उन्हें लोगो का जितना प्यार मिला है उसका श्रेय वो अपने माता पिता तथा गुरु को देते हैं।
सम्पादित कार्यक्रम
आज तक उन्होंने भारत में 1500 से अधिक लाइव कार्यक्रम और यू.के., इटली, सिंगापुर, स्विटजरलैंड, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, आयरलैंड, थाईलैंड, दुबई, नेपाल जैसे दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई सफल कार्यक्रम किये हैं। 115 से भी अधिक ऑडियो कैसेट, सीडी और वीसीडी भारत में कई शीर्ष ऑडियो कंपनियों द्वारा जारी की गई हैं, जो पूरे विश्व में फैली हैं। उनके भजन रिकॉर्डिंग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न टीवी चैनलों और स्थानीय केबल नेटवर्क के जरिए दिखाया जाता है। उनकी रिकॉर्डिंग बिना किसी रिटेक के सीधे रिकॉर्ड होती हैं।
श्री विनोद अग्रवालजी ने दुनिया भर में बहुत देशों की यात्रा की है, जहां उनके प्रशंसकों कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में आए हैं। श्री विनोद अग्रवाल जी को वो भक्त पसंद हैं जो संकीर्तन में बैठकर अपना अहंकार, रुतबा यहाँ तक की खुद को भूल जाते हैं और पूरी तरह भगवान की शरण में आ जाते हैं।