Menu

  • Home
  • Guru
  • God
  • Video
    • Aarti
    • Bhajan
    • Mantra
    • Katha
  • Singer
  • Article
  • Yatra
  • Wallpaper
    • Desktop Wallpapers
    • Mobile Wallpapers
Get Socialize
logo
  • logo
  • Home
  • Guru
  • God
  • Video
    • Aarti
    • Bhajan
    • Mantra
    • Katha
  • Singer
  • Article
  • Wallpaper
    • Desktop Wallpapers
    • Mobile Wallpapers
profile author img

Maa Durga

Join Date : 06-Oct-2017

  • 994

    वीडियो
  • 360

    ऑडियो
  • 12

    वॉलपेपर
समीक्षा
  • परिचय
  • वीडियो 994
  • ऑडियो 360
  • मोबाइल वॉलपेपर 12
  • डेस्कटॉप वॉलपेपर
संपर्क करें

परिचय

दुर्गा

दुर्गा
माता दुर्गा की प्रतिमा।
माता दुर्गा की प्रतिमा।
शक्ति / विजय
बंगाली দুর্গা
संबंधित शक्ति अवतार
मंत्र ॐ दुर्गा देव्यैः नमः
ॐ एं ह्रीं क्लीं चामुण्डायैः विच्चे॥
अस्त्र-शस्त्र
त्रिशूल, चक्र,
गदा, धनुष,
शंख, तलवार,
कमल, तीर, अभयहस्त
जीवनसाथी शिव
वाहन बाघ
 
पश्चिम बंगाल के बर्दवान में दुर्गा पूजा का पांडाल, 2011

दुर्गा हिन्दुओं की प्रमुख देवी हैं जिन्हें केवल देवी और शक्ति भी कहते हैं। शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं जिनकी तुलना परम ब्रह्म से की जाती है। दुर्गा को आदि शक्ति, प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धितत्व की जननी तथा विकार रहित बताया गया है। वह अंधकार व अज्ञानता रुपी राक्षसों से रक्षा करने वाली तथा कल्याणकारी हैं। उनके बारे में मान्यता है कि वे शान्ति, समृद्धि तथा धर्म पर आघात करने वाली राक्षसी शक्तियों का विनाश करती हैं।

देवी दुर्गा का निरूपण सिंह पर सवार एक निर्भय स्त्री के रूप में की जाती है। दुर्गा देवी आठ भुजाओं से युक्त हैं जिन सभी में कोई न कोई शस्त्रास्त्र होते है। उन्होने महिषासुर नामक असुर का वध किया (महिषासुर= महिष + असुर = भैंसा जैसा असुर)  हिन्दू ग्रन्थों में वे शिव की पत्नी दुर्गा के रूप में वर्णित हैं। जिन ज्योतिर्लिंगों में देवी दुर्गा की स्थापना रहती है उनको सिद्धपीठ कहते है। वहाँ किये गए सभी संकल्प पूर्ण होते है।

हिन्दुओं के शाक्त साम्प्रदाय में भगवती दुर्गा को ही दुनिया की पराशक्ति और सर्वोच्च देवता माना जाता है (शाक्त साम्प्रदाय ईश्वर को देवी के रूप में मानता है)। वेदों में तो दुर्गा का व्यापाक उल्लेख है, किन्तु उपनिषद में देवी "उमा हैमवती" (उमा, हिमालय की पुत्री) का वर्णन है। पुराण में दुर्गा को आदिशक्ति माना गया है। दुर्गा असल में शिव की पत्नी आदिशक्ति का एक रूप हैं, शिव की उस पराशक्ति को प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धितत्व की जननी तथा विकार रहित बताया गया है। एकांकी (केंद्रित) होने पर भी वह माया शक्ति संयोगवश अनेक हो जाती है। उस आदि शक्ति देवी ने ही सावित्री(ब्रह्मा जी की पहली पत्नी), लक्ष्मी, और पार्वती(सती) के रूप में जन्म लिया और उसने ब्रह्मा, विष्णु और महेश से विवाह किया था। तीन रूप होकर भी दुर्गा (आदि शक्ति) एक ही है।

देवी दुर्गा के स्वयं कई रूप हैं (सावित्री, लक्ष्मी एंव पार्वती से अलग)। मुख्य रूप उनका "गौरी" है, अर्थात शान्तमय, सुन्दर और गोरा रूप। उनका सबसे भयानक रूप काली है, अर्थात काला रूप। विभिन्न रूपों में दुर्गा भारत और नेपाल के कई मन्दिरों और तीर्थस्थानों में पूजी जाती हैं। कुछ दुर्गा मन्दिरों में पशुबलि भी चढ़ती है। भगवती दुर्गा की सवारी शेर है।

अन्य स्वरूप

दुर्गा सप्तशती के अनुसार इनके अन्य स्वरूप भी बतलायें गये हैं।

  1. ब्राह्मणी
  2. महेश्वरी
  3. कौमारी
  4. वैष्णवी
  5. वाराही
  6. नरसिंही
  7. ऐन्द्री
  8. शिवदूती
  9. भीमादेवी
  10. भ्रामरी
  11. शाकम्भरी
  12. आदिशक्ति
  13. रक्तदन्तिका

उग्रचंडी

'उग्रचण्डी' दुर्गा का एक नाम है। दक्ष ने अपने यज्ञ में सभी देवताओं को आमंत्रित किया , लेकिन शिव और सती को आमंत्रण नहीं दिया। इससे क्रुद्ध होकर, अपमान का प्रतिकार करने के लिए इन्होंने उग्रचंडी के रूप में अपने पिता के यज्ञ का विध्वंस किया था। इनके हाथों की संख्या १८ मानी जाती है। आश्विन महीने में कृष्णपक्ष की नवमी दिन शाक्तमतावलंबी विशेष रूप से उग्रचंडी की पूजा करते हैं।

Menu

 Temples
 Calendar
 Horoscope
 Text
 Quotes
 Biography
 Wishes
 Yatra
Audio Category

 Aarti
 Bhajan
 Mantra
 Chalisa
 katha
 Geeta
 Ramayan
 Stotra
Video Category

 Katha
 Bhajan
 Aarti
 Mantra
 Festival
 Pravachan
Social Media

© 2022, All rights reserved.
About | Disclaimer | Contact-Us | Terms | Cancellation & Refunds | Privacy Policy