बालाजी की आरती
जय बालाजी जय बालाजी-जय बालाजी।
मेंहदीपुर में आन बसे हैं, अंजनि लालाजी।।
भैरव प्रेतराज हैं साथी वाहन जिनके
श्वान और हाथी।
संकट उसके सिट जाते, जो पेश करे अर्जि।।
दीन दुखियों के सच्चे बाबा, तनिक न
भाता झूठ दिखावा।
सच्चे मन से जिसने ध्याया, सब कुछ
पाया जी।।
जब बिपदा चहुँ ओर से आये, अपना
कोई समझ न आये।
बाबा के सुमिरन से मिटता, सब अँधियारा
जी।।
भक्त है शरण तिहारी, लज्जा राखो संकट
हारी।
सुखी करो सारे भक्तों को, कोई रहे न
दुखिया जी।।