नवम नवदुर्गा: माता सिद्धिदात्री
माता सिद्धिदात्री का उपासना मंत्र
सिद्धगन्धर्वयक्षाघैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
माता का स्वरूप
माता सिद्धिदात्री की चारभुजाए, वर्णरक्त, वाहनसिंह,कमल पुष्प पर आसीन एक हाथ मे कमल पुष्प, दूसरे हाथ मे चक्र, तीसरे हाथ मे गदा ओर चोथे हाथ मे शंख है | इनके नेत्रो मे करुणा लहरा रही है | देवी प्रसन्न मुद्रा मे है |
आराधना महत्व
मातासिद्धिदात्री की आराधना से जातक को अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व और वशित्व आदि समस्त सिद्धियो एवं नवनिधियो की प्राप्ति होती है | इनकी उपासना से आर्तजनो के असंभव कार्य भी संभव हो जाते है | अतः इनके चरणों की शरण पाने के लिए हमे सर्वविध प्रयत्न करना चाहिए | देवी की कृपा से विशुद्ध ज्ञान के द्वारा जीव अपने जीव भाव को त्यागकर जीवन मुक्ति प्राप्त करता है |