भूत -बाधा होने पर
पहला समाधान --किसी भी प्रेत बाधा से मुक्त होने लिए लगातार 21 दिन तक प्रतिदिन सूर्यास्त के समय गााय का आधा किलो दूध लें तथा उसमें नौ बूंद शुद्ध शहद और 10 बूंद गंगा जल डाले । शहद और गंगाजल मिश्रित दूध को शुद्ध बर्तन में रखकर शुद्ध वस्त्र पहनकर हरहर गंगे बोलते हुए घर में छिड़काव - करें। छिड़काव करने के बाद मुख्य दरवाजे पर आकर शेष बचे हुए दूध को धार बांधकर वहीं पर गिरा दें और बोलें-संकट कटे मिटे सब पीरा। जो सुमिरे हनुमत बलवीरा ।। यह क्रिया 21 दिन तक करते रहें।
दुसरा समाधान-- इसी तरह हनुमान चालीसा व बजरंग बाण का प्रतिदिन घर में पाठ करने से भूत प्रेत बाधा नष्ट हो जाती हैं।
तीसरा समाधान --600 ग्राम जौ का आटा 100 ग्राम काले तिल,सरसों के तेल में गुंथकर एक मोटा रोटी बना लें तथा एक ही तरफ उसकी सिकाई करें । ध्यान करें रोटी को उलटपलट न - करें। सिक जाने पर उसको उतार कर तेल से रोटी को चुपड़ कर उस पर गुड़ रखकर पूरे शरीर पर उतारा करें।
चौथा समाधान- इस मंत्र ऊँ सर्व रोगहराय नमः‘का 11 शनिवार या मंगल के दिन उतार करके काले भैंसे को खिला दें । 3, 5 या 7 मंगल से शनिवार तक करें, रोगी को लाभ हो जाएगाा।
पांचवा समाधान- गुड़ के गुलगुले सवा किलो सरसों के तेल में पकाकर शनिवार व रविवार को रोगी के ऊपर से उतारा करके उक्त मंत्र ‘ऊँ रक्षो विध्वंशकारकय नमः‘को 7 बार बोले । फिर चील,कौए,कबूतर,चिड़ियों को गुलगुले के टुकड़े डालें तथा बन्दरो को चना, गुड़ खिलाएं। ऐसा 3,5 या 7 बार करें निश्ति लाभ होता हैं।
छठां समाधान - सरसों के तेल को गरम कर इसमंे एक चमड़े का टुकड़ा डालें, पुनः गर्म कर इसमें नींबू फिटकरी ,कील और काली कांच की चूड़ी डालकर मिट्टी के बर्तन में रख कर , रोगी के सिर पर फिराएं। इस बर्तन को जंगल में एकांत में गाड़ दें।
सांतवा समधान- हर मंगल और शनिवार को रोगी के ऊपर से इमरती को 7 बार वार कर कुत्तों को खिलानें से धीरे धीरे आराम मिलता है।
यह कार्य कम से कम 7 सप्ताह करना चाहिये। बीच में रूकावट न हो ,अन्यथा वापस शुरू करना होगा ।
आंठवा उपाय - कभी भी कब्रिस्तान या शमशान घाट से गुजरते समय वहां पर कुछ पैसा गिरा दें। यह एक गुप्त सहायता होती है।