तर्ज: जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया।
हम सब गातें हैं तेरी वदंना, शिव के लाल गणेशा। मेरे अंग संग रहना हमेशा, मेरे अंग संग रहना हमेशा।
नमामिः गणपत, नमामिः गजानन, नमामि देवो लम्बोदरा। नमामि: रिद्धी सिद्धी वर दाता, नमामिः गौरी सुत नंदना।
मां गौरां के तुम लाडले, शिव शंकर जी के दुलारे। हे विध्न विनाशक दया करो, और बख्शो पाप हमारे। हे शक्तिशाली शिव के प्यारे, हर दो कष्ट कलेशा। मेरे अंग संग रहना हमेशा।
तेरी ज्योत जगाऐं श्रदा से, और पूजे तुमको दाता। जो ध्यान तेरा धर ले मन में, वो मन चाहा फल पाता। तेरी पूजा सबसे पहले करते, ब्रह्मा विष्णू महेशा। मेरे अंग संग रहना हमेशा।
"सूरज" भी लेकर तेज तुम्हारा, करता जग में उजाला। हे गौरी नंदन दया के सागर, रूप तेरा मतवाला। तेरे तेज से नभ में चमक रहे हैं, चांद सितारे "दिनेशा"। मेरे अंग संग रहना हमेशा।
जिस जगह तुम्हारी पूजा हो, प्रभू वो "तीर्थ" कहलाये। हे कृपालू तेरे श्रदालू, तेरे दर पे चल के आये। "खुशदिल" तरसे है प्यार को तेरे, दे दो प्रेम संदेशा। मेरे अंग संग रहना हमेशा