गोपाल मेरी नैया क्यों डगमगा रही है
गोपाल मेरी नैया क्यों डगमगा रही है आजा रे अब तो आजा तेरी याद आ रही है गोपाल मेरी नैया क्यों डगमगा रही है
तूफ़ान से लड़ते लड़ते कही डूभ ही ना जाए विश्वाश श्याम मेरा अब टूट ही न जाए विकराल काली लेहरे मुझको डरा रही है गोपाल मेरी नैया क्यों डगमगा रही है
मतलब के इस जहां में कोई नहीं हमारा किस को भला पुकारे किसका मिले सहारा बेबस मेरी ये सांसे तुम को भुला रही है गोपाल मेरी नैया क्यों डगमगा रही है
दुनिया का सँवारे क्यों अंदाज है निराला प्रेमी को पीना पड़ता हर दम ज़हर का प्याला हारे हुए को मोहन दुनिया सत्ता रही है गोपाल मेरी नैया क्यों डगमगा रही है
दरमो दार तुम पर छोड़ो या अब समबालो कहता शिवम् ओ सँवारे चरणों से अब लगा लो धड़कन तेरे तरुण की तेरा नाम गा रही है गोपाल मेरी नैया क्यों डगमगा रही है