लाभ : हृदय रोग, नेत्र व पीलिया रोग एवं कुष्ठ रोग तथा समस्त असाध्य रोगों को नष्ट करने के लिए सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
ऊँ घृणिः सूर्य आदिव्योम।।
लाभ : व्यवसाय में वृद्धि करने के लिए सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
लाभ : अपने शत्रुओं के नाश के लिए सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
लाभ : अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
लाभ : सभी अनिष्ट ग्रहों की दशा के निवारण हेतु सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
दिव्यं गन्धाढ़्य सुमनोहरम् | वबिलेपनं रश्मि दाता चन्दनं प्रति गृह यन्ताम् ||
लाभ : इस मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान सूर्यदेव को चन्दन समर्पण करना चाहिए-
लाभ : इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान सूर्यदेव को वस्त्रादि अर्पण करना चाहिए-
लाभ : भगवान सूर्यदेव की पूजा के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करते हुए उन्हें यज्ञोपवीत समर्पण करना चाहिए-
लाभ : इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान सूर्यदेव को घृत स्नान कराना चाहिए-
लाभ : भगवान सूर्यदेव की पूजा के दौरान इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें अर्घ्य समर्पण करना चाहिए-
लाभ : इस मंत्र का उच्चारण करते हुए प्रचंड ज्योति के मालिक भगवान दिवाकर को गंगाजल समर्पण करना चाहिए-
लाभ : इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान सूर्यदेव को आसन समर्पण करना चाहिए-
लाभ : सूर्य पूजा के दौरान भगवान सूर्यदेव का आवाहन इस मंत्र के द्वारा करना चाहिए-
लाभ : इस मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान सूर्यदेव को दुग्ध से स्नान कराना चाहिए.
लाभ : भगवान सूर्यदेव की पूजा के दौरान इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें दीप दर्शन कराना चाहिए .