राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे। एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
सात स्वर्ग पांच अपवर्ग ठुकरायेंगे । बैकुंठ की भी कम्मना ना उर लायेंगे ॥ राधे राधे गायेंगे ॥
प्रियतम के सुख में ही सुख पायेंगे । बृज रस में ही नित्त मन को डूबायेंगे ॥
पिय ठुकरावे हम प्यार किये जाएंगे । पिय कहु जनि आवे हम रोय जाएंगे ॥
पिय नहीं आयेंगे तो प्यारी को बुलायेंगे । प्यारी जब आएँगी तो प्यारे भाजे आएंगे ॥
राधे जू के गुण गण मुरली में गाएंगे । राधे जू की छबी लखि बलि बलि जायेंगे ॥
राधे जू की छबी लखि बलि बलि जायेंगे । जय हो जय हो कहि कहि बुजन उठाएंगे ॥
राधा भाव गहि श्याम, श्याम श्याम गायेंगे । हम तो ʻकृपालुʼ राधे श्याम नाम गायेंगे ॥