शिव शंकर भोले की तुम, महिमा हर पल गाओ, जीवन और मृत्यु दाता को, एक पल ना बिसराओ, जपे जा हर हर बम बम, नमामि हर हर बम बम।।
अद्भुत इनका वेश निराला, जट गंगा सर्पों की माला, तीनों लोक के भोले स्वामी, कोई नहीं है इनका सानी, जगतगुरु कहलाते भोले, नित इनका ध्यान लगाओ, जपे जा हर हर बम बम, नमामि हर हर बम बम।।
जगत पिता की महिमा भारी, इनसे सारे नर और नारी, भूत पिशाचौ के भी स्वामी, ध्याते ऋषि मुनि और ज्ञानी, चंदा मस्तक इनके विराजे, इनके गुण को गाओ, जपे जा हर हर बम बम, नमामि हर हर बम बम।।
भागीरथ गंग धरा पर लाए, इसका श्रेय भी तुमको जाए, देवों के महादेव कहाते, ब्रह्मा विष्णु भी है ध्याते, ‘पंकज’ इनके गुण को गाकर, भवसागर तर जाए, जपे जा हर हर बम बम, नमामि हर हर बम बम।।