शुकराना गुरु जी
शुकराना गुरु जी शुकराना गुरु जी गुरु जी गुरु जी गुरु जी सब कुछ देने का शुकराना गुरु जी
काहे की चिंता और काहे का रोना अब कुछ नहीं है खोना तुझसे माँगा नहीः तूने सब दे दिया दिल की आवाज सुन के हैरान कर दियां इतना प्यार देने का शुकराना गुरु जी
सीख लिया है गुरु जी से हमने होंसला विश्वाश रखना तुम तो गुरु जी हमारे सब कुछ हो गये आस भी हो गए विश्वाश हो गये तुम पे मरणा तुम्ही से जीना हो गया शुकराना गुरु जी
सब के दुखो को सुन लेते तुम हो ऐसे हो हमसे जुड़े बिन मांगे ही सबकी झोली भर दी अपने प्यार में ज़िंदगी ऐसी सींच दी तू है नूर जिसका झंडा दीवना गुरूजी शुकराना गुरु जी
पास भुलाया चरणों से लगाया अपने हिरदये मे वसाया हाथ पकड़ा है अब छोड़ना न गुरु जी अब तो तुम बिन हम को जीना नहीं है मेरे प्यारे गुरु जी शुकराना गुरु जी