सुनो जी वैष्णो माई
सुनो जी वैष्णो माई बूहे मंदिरा दे खोलो
करो जी मेरी सुनवाई बूहे मंदिरा दे खोलो
बनके सवाली मैया दर तेरे आया
दुखियाँ हां मैं गम दा सताया
इको ही आस लगाई बूहे मंदिरा दे खोलो
सुनो जी वैष्णो माई बूहे
दर तेरे मैया भगता दा मेला
दातिए हूँ तारण दा वेला
संगत दर तेरे आई बूहे मंदिरा दे खोलो
सुनो जी वैष्णो माई बूहे
रंगरंगीले तेरे पर्वत सुहाने
बंसी जय गई आये दीवाने
निर्बल होया शुदाई
बूहे मंदिरा दे खोलो
सुनो जी वैष्णो माई बूहे