राधे मोरी बंसी कहा खो गयी
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी, कोई ना बताये और शाम हो गयी, राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
बिन बंसी के कैसे घर जाऊ बंसी प्राण से प्यारी, बाबा तो मोहे कशु न कहे गो दाऊ पड़े गो बाहरी, राधे मोरी बंसी कहा खो गयी
तूने तो कही नही चुराई इतना मुझे बता दे, बंसी के बदले में मुझसे ठुमक ठुमक नाच वाले, गवालो के संग खेल रहा था यही कही खोगई, राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
तूने मेरी मटकी फोड़ी मैं बंसी तोड़ी गी, एक एक मटकी के बदले मैं दस दस दरवाये लुंगी, फिर मैं तुज्को नाच नाचू तब मैं बंसी दूंगी, राधे मोरी बंसी कहा खो गयी
कान्हा का हाल देखके राधा हसने लागी, बंसी दिखा दिखा के राधा दूर दूर से बागन लगी, राधे श्याम की जोड़ी देखो सबके मन को भाह गई, राधे मोरी बंसी कहा खो गयी.