Menu

  • Home
  • Guru
  • God
  • Video
    • Aarti
    • Bhajan
    • Mantra
    • Katha
  • Singer
  • Article
  • Yatra
  • Wallpaper
    • Desktop Wallpapers
    • Mobile Wallpapers
Get Socialize
logo
  • logo
  • Home
  • Guru
  • God
  • Video
    • Aarti
    • Bhajan
    • Mantra
    • Katha
  • Singer
  • Article
  • Wallpaper
    • Desktop Wallpapers
    • Mobile Wallpapers

जन्माष्टमी

जन्माष्टमी

श्री कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्स्व है। योगेश्वर कृष्ण के भगवद गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमी भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण ने अपना अवतार श्रावण माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में लिया। चूंकि भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इसीलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन मौके पर भगवान कान्हा की मोहक छवि देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आज के दिन मथुरा पहुंचते हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा कृष्णमय हो जात है। मंदिरों को खास तौर पर सजाया जाता है। ज्न्माष्टमी में स्त्री-पुरुष बारह बजे तक व्रत रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है। और रासलीला का आयोजन होता है।
कृष्ण जन्माष्टमी पर भक्त भव्य चांदनी चौक, दिल्ली (भारत) की खरीदारी सड़कों पर कृष्णा झुला, श्री लाडू गोपाल के लिए कपड़े और उनके प्रिय भगवान कृष्ण को खरीदते हैं। सभी मंदिरों को खूबसूरती से सजाया जाता है और भक्त आधी रात तक इंतजार करते हैं ताकि वे देख सकें कि उनके द्वारा बनाई गई खूबसूरत खरीद के साथ उनके बाल गोपाल कैसे दिखते हैं।


 

उपवास के बारे में
अष्टमी दो प्रकार की है- पहली जन्माष्टमी और दूसरी जयंती। इसमें केवल पहली अष्टमी है।
स्कन्द पुराण के मतानुसार जो भी व्यक्ति जानकर भी कृष्ण जन्माष्टमी व्रत को नहीं करता, वह मनुष्य जंगल में सर्प और व्याघ्र होता है। ब्रह्मपुराण का कथन है कि कलियुग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी में अट्ठाइसवें युग में देवकी के पुत्र श्रीकृष्ण उत्पन्न हुए थे। यदि दिन या रात में कलामात्र भी रोहिणी न हो तो विशेषकर चंद्रमा से मिली हुई रात्रि में इस व्रत को करें। भविष्य पुराण का वचन है- भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में कृष्ण जन्माष्टमी व्रत को जो मनुष्य नहीं करता, वह क्रूर राक्षस होता है। केवल अष्टमी तिथि में ही उपवास करना कहा गया है। यदि वही तिथि रोहिणी नक्षत्र से युक्त हो तो 'जयंती' नाम से संबोधित की जाएगी। वह्निपुराण का वचन है कि कृष्णपक्ष की जन्माष्टमी में यदि एक कला भी रोहिणी नक्षत्र हो तो उसको जयंती नाम से ही संबोधित किया जाएगा। अतः उसमें प्रयत्न से उपवास करना चाहिए। विष्णुरहस्यादि वचन से- कृष्णपक्ष की अष्टमी रोहिणी नक्षत्र से युक्त भाद्रपद मास में हो तो वह जयंती नामवाली ही कही जाएगी। वसिष्ठ संहिता का मत है- यदि अष्टमी तथा रोहिणी इन दोनों का योग अहोरात्र में असम्पूर्ण भी हो तो मुहूर्त मात्र में भी अहोरात्र के योग में उपवास करना चाहिए।मदन रत्न में स्कन्द पुराण का वचन है कि जो उत्तम पुरुष है। वे निश्चित रूप से जन्माष्टमी व्रत को इस लोक में करते हैं। उनके पास सदैव स्थिर लक्ष्मी होती है। इस व्रत के करने के प्रभाव से उनके समस्त कार्य सिद्ध होते हैं।[1] विष्णु धर्म के अनुसार आधी रात के समय रोहिणी में जब कृष्णाष्टमी हो तो उसमें कृष्ण का अर्चन और पूजन करने से तीन जन्मों के पापों का नाश होता है। भृगु ने कहा है- जन्माष्टमी, रोहिणी और शिवरात्रि ये पूर्वविद्धा ही करनी चाहिए तथा तिथि एवं नक्षत्र के अन्त में पारणा करें। इसमें केवल रोहिणी उपवास भी सिद्ध है। अन्त्य की दोनों में परा ही लें।


 

मोहरात्रि
श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी की रात्रि को मोहरात्रि कहा गया है। इस रात में योगेश्वर श्रीकृष्ण का ध्यान, नाम अथवा मंत्र जपते हुए जगने से संसार की मोह-माया से आसक्तिहटती है। जन्माष्टमी का व्रत व्रतराज है। इसके सविधि पालन से आज आप अनेक व्रतों से प्राप्त होने वाली महान पुण्यराशिप्राप्त कर लेंगे।
व्रजमण्डलमें श्रीकृष्णाष्टमीके दूसरे दिन भाद्रपद-कृष्ण-नवमी में नंद-महोत्सव अर्थात् दधिकांदौ श्रीकृष्ण के जन्म लेने के उपलक्षमें बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भगवान के श्रीविग्रहपर हल्दी, दही, घी, तेल, गुलाबजल, मक्खन, केसर, कपूर आदि चढाकर ब्रजवासीउसका परस्पर लेपन और छिडकाव करते हैं। वाद्ययंत्रोंसे मंगलध्वनिबजाई जाती है। भक्तजन aमिठाई बांटते हैं। जगद्गुरु श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव नि:संदेह सम्पूर्ण विश्व के लिए आनंद-मंगल का संदेश देता है।

 

Facebook Google Twitter Whatsapp Share

Related Text

दीपावली View Wallpaper [ दीपावली]
दीपावली...
होली View Wallpaper [ होली]
होली...
रक्षाबन्धन View Wallpaper [ रक्षाबन्धन]
रक्षाबन्धन...
धनतेरस View Wallpaper [ धनतेरस]
धनतेरस...
जन्माष्टमी View Wallpaper [ जन्माष्टमी]
जन्माष्टमी...
दशहरा View Wallpaper [ दशहरा]
दशहरा...
गुड़ी पड़वा View Wallpaper [ गुड़ी पड़वा]
गुड़ी पड़वा...
छठ पूजा View Wallpaper [ छठ पूजा]
छठ पूजा...
वसन्त पञ्चमी View Wallpaper [ वसन्त पञ्चमी]
वसन्त पञ्चमी...
मकर संक्रान्ति View Wallpaper [ मकर संक्रान्ति]
मकर संक्रान्ति...
नवरात्रि View Wallpaper [ नवरात्रि]
नवरात्रि...
राम नवमी View Wallpaper [ राम नवमी]
राम नवमी...
महाशिवरात्रि View Wallpaper [ महाशिवरात्रि]
महाशिवरात्रि...
राधाष्टमी View Wallpaper [ राधाष्टमी]
राधाष्टमी...
यम द्वितीया भाई दूज View Wallpaper [ यम द्वितीया भाई दूज]
यम द्वितीया भाई दूज...
बैसाखी View Wallpaper [ बैसाखी]
बैसाखी...


  • Video
  • Audio
  • Text
Katha Bhajan
Aarti Spiritual
Stotram Mantra
Kavach Social
Festival Pravachan
Aarti Bhajan
Mantra Chalisa
katha Dhun
Geeta Ramayan
Stotra Pravachan
Aarti Bhajan
Mantra Chalisa
Stotram Festival
Geeta Ramayan
Vrat katha Totke
  • Calendar
  • Horoscope
recent
December 2021 Indian Devotional Calendar ...
recent
November 2021 Indian Devotional Calendar ...
recent
October 2021 Indian Devotional Calendar ...
recent
September 2021 Indian Devotional Calendar ...
recent
August 2021 Indian Devotional Calendar ...
recent
July 2021 Indian Devotional Calendar ...
recent
June 2021 Indian Devotional Calendar ...
recent
May 2021 Indian Devotional Calendar ...
recent
April 2021 Indian Devotional Calendar ...
recent
March 2021 Indian Devotional Calendar ...
recent
February 2021 Indian Devotional Calendar ...
recent
January 2021 Indian Devotional Calendar ...
recent
Aries मेष 01 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 ...
recent
Taurus वृषभ 01 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 ...
recent
Gemini मिथुन 01 जनवरी 2023 से 31. जनवरी 2023 ...
recent
Cancer कर्क 01 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 ...
recent
Leo सिंह 01 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 ...
recent
Pisces मीन 01 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 ...
recent
Aquarius कुम्भ 01 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 ...
recent
Capricorn मकर 01 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 ...
recent
Sagittarius धनु 01 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 ...
recent
Virgo कन्या 01 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 ...

 Subscribe to WHATSAPP

Menu

 Temples
 Calendar
 Horoscope
 Text
 Quotes
 Biography
 Wishes
 Yatra
Audio Category

 Aarti
 Bhajan
 Mantra
 Chalisa
 katha
 Geeta
 Ramayan
 Stotra
Video Category

 Katha
 Bhajan
 Aarti
 Mantra
 Festival
 Pravachan
Social Media

© 2022, All rights reserved.
About | Disclaimer | Contact-Us | Terms | Cancellation & Refunds | Privacy Policy