ये मोर छड़ी ले हाथों में,तेरी किस्मत खोलेगा, तू श्याम धणी की जय,जीवन भर बोलेगा।। ।। अन्तरा ।। फागुन के महिने में भगतों श्याम कचहरी लगती है, बनके हाकिम न्याय चुकाता सबकी किस्मत खुलती है, ये धर्म तराजू पे भक्तों की, भक्ति तोलेगा, तू श्याम धणी की जय...................।।1।। पिछले सारे पाप तुम्हारे ग्यारस के दिन धुल जाये, बंद पड़े तकदीर के ताले बारस के दिल खुल जाये, ये जहर हटा जीवन में तेरे, अमृत घोलेगा, तू श्याम धणी की जय...................।।2।। हर्ष - कहे फागुन में प्यारे इतना काम तू कर लेना, एक निशान उठा हाथों में ध्यान श्याम का धर लेना, गर महर श्याम की मिल जाये, मस्ती में डोलेगा, तू श्याम धणी की जय...................।।3।।