देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा,
ज्वाला सी चलती है आँखों में जिसके भी दिल में तेरा नाम है परवाह ही क्या उसका आरंभ कैसा है और कैसा परिणाम है
धरती अंबार सितारे है उसस्की नज़ारे उतारें दर्र भी यूयेसेस से डरा रे जिसकी रखवालिया रे करता साया तेरा
देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा, देव श्री गणेशा,
हूओतेरी भक्ति का वरदान है जो कमाए वो धनवान है बिन किनारे की कश्ती है वो देव, तुझसे जो अंजान है
यूँ ट्टो मूषक सवारी तेरी सब पे है पहरेदारी तेरी पाप की आँधियाँ ना कहा कभी ज्योति ना हारी तेरी
अपनी तक़दीर का वो खुद सिकंदर हुआ रे भूल के यह जहाँ रे किसकी सीलिएन या हारे साथ पाया तेरा हे
हो तेरी धूलि का टीका किए देव जो भक्त तेरा जिए उसे अमृत का है मो है क्या हस्स के विष का वो प्याला पिए
तेरी महिमा की छ्चाया तले काल के रात का पहिया चले एक चिंगारी प्रतिशोध से खड़ी रवाँ की लंका जले
शत्रुओं की क़तारें इक अकेले से हारे कन्न भी पर्वत हुआ रे श्लोक बॅन के जहाँ रे नाम आया तेरा हे
गणपति बप्पा मोरेया त्वामेवा माता छा पिता त्वामेवा त्वामेवा बंधु सखा त्वामेवा त्वामेवा विद्या द्रविनम त्वामेवा त्वामेवा सर्वाँ मम देव देव
अचूतम केशवाँ रामा नारायनाँ कृष्णा दामोदराम वासुदेवं हारीं सृईधरम माधाओं गोपिका वल्लभं जानकी नायकम रमचंड्रम भजे हारे राम हारे राम, राम राम हारे हारे हारे कृष्णा हारे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हारे हारे