शनिदेव कर्मफल दाता हैं, धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शनिदेव को ज्योतिष में न्यायाधीश का पद दिया गया है। मनुष्य के अच्छे बुरे कर्मों का फल शनिदेव ही देते हैं इसलिए शनि की दशा या साढ़ेसाती लगते ही व्यक्ति के दिन फिरने लगते हैं। मनुष्य को शनिदेव से केवल डरने के बजाय उनको प्रसन्न करने के उपाय ढूंढने चाहिए। आज हम आपको ऐसे ही कुछ उपाय बतायंगे जिनसे आप शनिदेव को प्रसन्न कर सकेंगे और उनकी वक्र दृष्टि से भी बचे रहेंगे।
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1.) शनिवार के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पीपल की जड़ में केसर, चंदन, अक्षत तथा पुष्प मिला हुआ जल डालें।
2.) प्रत्येक शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाकर इस मंत्र का जाप करें और पीपल की परिक्रमा करें -
आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम् देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत: विश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय विश्वपतये गोविन्दाय नमो नम:
3.) शनिवार की प्रातः काल में स्नान आदि कर के काले तिल मिलाये हुए सरसों के तेल से अभिषेक करें। तत्पश्चात शनिदेव के 108 नामों का स्मरण कर शनिदेव की पूजा करें।
4.) शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा भी अत्यंत शुभ होती है। इस दिन बजरंग बलि को चमेली के तेल में सिन्दूर मिला कर चढ़ाएं। लाल रंग के पुष्प अर्पित करें व चूरमे का भोग लगाएं। साथ ही केवड़े का इत्र भी हनुमान जी के दोनों कन्धों पर छिड़कें।
5.) शनिवार के दिन काले रंग की वस्तुओं का दान दुःख और संताप को मिटाता है। इस दिन आप काले जूते चप्पल, छाता, लोहा, कपडे आदि का दान कर सकते हैं।
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6.) इस दिन कुष्ठ रोगियों को भोजन कराएं और उन्हें तेल, आटा, चावल तथा पैसे आदि का दान करें।
7.) शनिवार को कई लोग घर पर शनिदान लेने आते हैं। उन्हें आप एक कटोरे में तिल का तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखकर उसे दान कर दें। साथ ही काले कपड़े में काले उड़द, दो लड्डू, फल, कोयला, लोहे की कील रखकर उसे भी दान कर दें।
8.) शनिवार के दिन काली चीटियों को शक्कर या आटा डालें इससे क़र्ज़ से मुक्ति मिलती है।
9.) उड़द की दाल पीसकर उसके आटे की छोटी छोटी गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं, इस से मन में सदा प्रसंन्नता बनी रहती है। यह उपाय आप किसी भी दिन कर सकते हैं।
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