चावल के चमत्कारी गुण
1. किसी भी शुभ समय में जैसे पूर्णिमा के अवसर पर सुबह जल्दी उठकर नहा-धोकर चावलों को हल्दी या केसर से पीले रंग के रंग लें। ध्यान रहे की चावलों का कोई भी दाना टूटा ना हो। इसके बाद इन्हें भगवान शिव को चढ़ाते हुये प्रार्थना करे कि आपके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाये.... कुछ दिनो में आप को असर नजर आ जायेगा।
2. अगर आप नौकरी ढूंढ रहे है या आपको लगता है कि आपकी नौकरी खतरे में .... आफिस में की परेशान कर रहा हो तो ये उपाय आपके लिये है.....किसी भी दिन आधा किलो चावल की मीठी खीर बनाकर कौंओ को खिलायें। ऐसा आप 15 दिन में एक बार कर सकते हैं।
3. अगर आप पैसो की तंगी से परेशान है या पैसों में बरकत नही तो आप इस उपाय को कर सकते है आधा किलो चावल लेकर किसी भी शिवलिंग के पास अकेले में बैठे और एक मुट्ठी चावल शिवलिंग पर चढ़ा दें। और मन में भोले नाथ का नाम ले बाकी बचे चावल किसी गरीब को दान कर दे..... ऐसा हर सोमवार को करें। कम से कम पांच सोमवार aकरें। इस उपाय को अपनाने से धन संबंधी समस्या दूर हो जाएगी।
4. साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबूं निचोडते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा ओर वह आपके विरूद्ध कोई कदम नहीं उठा पाएगा।
5. सुयोग्य वर हेतुः किसी भी माह की शुक्लपक्ष की चतुर्थी से चांदी की छोटी कटोरी में गाय का दूध लेकर उसमें शक्कर ओर उबले हुए चावल मिलाकर चंद्रोदय के समय चंद्रमा को तुलसी की पत्ती डालकर यह नेवैद्य बताएं व प्रदक्षिणा करें। इस प्रकार यह नियम 45 दिनों तक करें। 45 दिन पूर्ण होने पर एक कन्या को भोजन करवाकर वस्त्र और मेंहदी दान करें। ऐसा करने से सुयोग्य वर की प्राप्ति होकर शीध्र मांगलिक कार्य संपन्न होगा।
6. चावल का सेवन- चावल का सेवन किस तरह करना चाहिए यह जानना जरूरी है। इस उपाय से भी धन और अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है। यदि आप चावल का इस्तेमाल प्रतिदिन के भोजन में कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि चावल कभी भी सूर्यास्त के बाद न खाएं। रात के भोजन में चावल, दही जैसी चीजों से बचना चाहिए। कहते हैं ऐसे में लक्ष्मी जी का अपमान होता है। चावल को भोजन की थाली में दाहिने ओर रखना चाहिए। चावल को थाली में कभी जूठा नहीं छोड़ना चाहिए।
7. यदि आप पितृदोष से पीड़ित है तो चावल की खीर और रोटी कौवो को दे इससे पितृदोष समाप्त हो जायेगा ओर आपके पूर्वज प्रसन्न होंगें
8. किसी शुक्रवार की रात 10 बजे के बाद अपने सामने चैकी पर एक कलश रखें। कलश रखें। कलश के ऊपर शुद्ध केसर से स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर उसमें पानी भर दें। इसके बाद उसमें चावल, दूर्वा और एक रूपया डाल दें। फिर एक छोटी सी प्लेट में चावल भरकर उसक कलश के ऊपर रखें। उसके ऊपर श्रीयंत्र स्थापित करें। इसके बाद उसके निकट चैमुखी दीपक जलाकर उसका कुंकुम और चावल से पूजन करें। इसके बाद 10 मिनट तक लक्ष्मी का ध्यान करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।