इतनी शक्ति हमे देना दाता मान का विश्वास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रास्ते पे हमसे भूलकर भीइ कोई भूल हो ना
हर तरफ ज़ुल्म है बेबसी है सहमा-सहमा-सा हर आदमी है पाप का बोझ बढ़ता ही जाए जाने कैसे ये धरती थमी है बोझ ममता का तू ये उठा ले तेरी रचना का ये अंत हो ना
हम चलें नेक रास्ते पे हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना इतनी शक्ति हमे देना दाता मान का विश्वास कमज़ोर हो ना
डोर अज्ञान के हो अंधेरे तू हमें ज्ञान की रौशनी दे हर बुराई से बचके रहें हम जितनी भी दे, भली ज़िंदगी दे बैर हो ना किसिका किसीसे भावना मान में बदले की हो ना
हम ना सोचें हमें क्या मिला है हम ये सोचें किया क्या है अर्पण फूल खुशियों के बातें सभी को सबका जीवन ही बन जाए मधुबन अपनी करुणा को जब तू बहा दे कराडे पवन हर इक मान का कोना
हम अंधेरे में हैं रोशनी दे खो ना दे खुद को ही दुश्मनी से हम सज़ा पाए अपने किए की मौत भी हो तो सह ले खुशी से कल जो गुज़ारा है फिरसे ना गुज़रे आनेवाला वो कल ऐसा हो ना
हम चले नेक रास्ते पे हमसे भूलकर भी कोई भूऊल हो ना इतनी शक्ति हमें दे ना दाता, मनका विश्वास कमज़ोर हो ना