अर्घ्य मंत्र
सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्यं नमो नम:
मन्त्र अर्थ - समुद्र मन्थन के समय क्षीर सागर से उत्पन्न सुर तथा असुरों द्वारा नमस्कार की गई देवस्वरुपिणी माता, आपको बार-बार नमस्कार है। मेरे द्वारा दिए गए इस अर्घ्य को आप स्वीकार करें।
सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिदं ग्रस
मन्त्र अर्थ - हे जगदम्बे! हे स्वर्गवासिनी देवी! हे सर्वदेवमयी! आप मेरे द्वारा दिए इस अन्न को ग्रहण करें।
मातर्ममाभिलषितं सफलं कुरु नन्दिनि
मन्त्र अर्थ - हे समस्त देवताओं द्वारा अलङ्कृत माता! नन्दिनी! मेरा मनोरथ पुर्ण करो।