रोहिणी व्रत की पूजा विधि:-
यह व्रत एक निश्चित समय तक ही किया जाता है, इस व्रत को कब तक करना है ये व्रत रखने वाले पर निर्भर करता है, मानी गई व्रत अवधि पूर्ण होने पर इस व्रत का उद्यापन कर दिया जाता है, उद्यापन के दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है साथ ही साथ दर्शन भी किये जाते हैं, सामान्यतः इस व्रत के लिए 5 वर्ष 5 माह की अवधि श्रेष्ठ मानी गई है, उद्यापन के लिए इस व्रत को नियमित रूप से करके गरीबों को भोजन कराया जाता है।
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